Home विविधासाहित्य खरी-खरी अशोक वशिष्ठ

खरी-खरी अशोक वशिष्ठ

by zadmin

खरी-खरी
करिए प्रभु से प्रार्थना,  माँगो यह वरदान।

हे प्रभु! रक्षा कीजिए , जग का हो कल्यान।।

जग का हो कल्यान , पड़ी है विपदा भारी।

मेहर करो भगवान , रहे न कोई दुखारी।।

अपना रखिए ध्यान , सुरक्षित घर में रहिए।

रोग करे विस्तार , काम मत ऐसे करिए।।

अशोक वशिष्ठ

You may also like

2 comments

अशोक वशिष्ठ April 2, 2021 - 6:13 am

नये रूप में ई-न्यूज़पेपर निर्भय पथिक देखकर अति प्रसन्नता हुई। इस नये स्वरूप के लिए हृदय से बधाई।

Reply
zadmin August 18, 2022 - 11:37 am

dhanywaad

Reply

Leave a Comment