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खरी खरी- सुरेश मिश्र

by zadmin

खोदा खूब पहाड़ को,निकली चुहिया एक

ना सीटों की शेयरिंग, ना कोई अभिषेक

ना कोई अभिषेक, बहुत बनते थे चालू

भुन भुनाइ के चले, सुशासन के संग लालू

कह सुरेश खेला कर दीदी बनी पुरोधा

‘खड़गे पीएम बनें’,कुआं किस खातिर खोदा *

_सुरेश मिश्र_*

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