Home अपराध महिला अत्याचार मामले में महाराष्ट्र तीसरे नहीं बारहवें नंबर पर-गृहमंत्री फडणवीस

महिला अत्याचार मामले में महाराष्ट्र तीसरे नहीं बारहवें नंबर पर-गृहमंत्री फडणवीस

by zadmin

महिला अत्याचार मामले में महाराष्ट्र  तीसरे नहीं बारहवें नंबर परगृहमंत्री फडणवीस 

विशेष संवाददाता 
मुंबई@nirbhaypathik:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री  एवं गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधानसभा में बताया  कि स्ट्रीट क्राइम की अपेक्षा साइबर गुनाह बढ़ रहे हैं। साइबर क्राइम में महाराष्ट्र देश में 5वें नंबर पर  है। 43 साइबर लैब शुरू की गई है। जल्द ही एक इंटीग्रेटेड प्लेटफॉर्म तैयार किया जा रहा है। जिससे अपराध के बाद रिस्पांस टाइम कम लगेगा।गृहमंत्री फडणवीस ने कहा कि बालू माफिया पर कार्रवाई करते हुए 1567 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पहली बार आरोपियों पर मोका लगाया गया है और 40 हजार करोड़ का माल जब्त किया गया है। पुलिस भर्ती के संदर्भ में उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 के बाद पहली बार पुलिस की संख्या की पुनर्रचना की गई है। वर्ष 2023 के मानक तय कर राज्य में 18 हजार पुलिसकर्मियों की भर्ती की जाएगी। हम तो इससे अधिक पुलिस भर्ती करना  चाहते थे, लेकिन प्रशिक्षण की सुविधाओं की कमी के चलते ऐसा नहीं कर  पा रहे हैं।  18 हजार पुलिस की ट्रेनिंग के लिए अलग से इंतजाम करना पड़ा है। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बात से इंकार किया कि महिलाओं के अत्याचार मामले में महाराष्ट्र देश में तीसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि जनसंख्या के मामले में जरूर महाराष्ट्र देश में तीसरे नंबर पर है,  लेकिन ऐसे अपराध की गणना प्रति एक लाख आबादी के आधार पर की जाती है, ऐसे में महाराष्ट्र देश में 12वें नंबर पर आता है।     बुधवार को विधानसभा में अल्पकालिक, सत्ताधारी और विपक्ष की चर्चा का एकत्रित जवाब देते हुए गृह मंत्री ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार गंभीर बात है, लेकिन महिलाएं शिकायत कर रही हैं, यह संतोष की बात है। पहले महिलाएं सामाजिक दबाव के कारण शिकायत नहीं करती थी। महाराष्ट्र में महिलाओं के खिलाफ कोई भी शिकायत मिलने पर उसे एफआईआर में बदलने का प्रावधान  है। उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ अपराध में मामले में राज्य का 17वां नंबर है। पॉक्सो कानून के अनुसार अन्य राज्यों में क्राइम रेट 70 फीसदी है तो महाराष्ट्र में  17.2 प्रतिशत है।
गृहमंत्री  फडणवीस ने कहा राज्य में महिलाओं के घरों से भाग जाने, अपहरण, गुम जाने की घटनाएं अधिक हो  रही हैं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद 72 घंटे में मिसिंग की रिपोर्ट दाखिल करनी पड़ती है और महिला का अपहरण हुआ है, यह मानकर जांच करनी पड़ती है। 2021 में किडनेपिंग, मिंसिंग के 86 प्रतिशत केस ओपन हुए। 2022 में 80 फीसदी और 2023 में 63 फीसदी केस ओपन हुए। राज्य में घर लौटने वाली महिलाओं की दर 90 प्रतिशत है, हालांकि यह भी चिंता की बात है कि 10 प्रतिशत महिलाओं का पता नहीं चलता। इसके  लिए उपाय योजनाएं की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री एवं  गृहमंत्री फडणवीस ने कहा कि विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाए कि हमारी सरकार आने पर अपहरण, मिंसिंग के केस बढ़े हैं, लेकिन यह सच नहीं है। ऐसे गुनाह 60 से 64 हजार होते हैं, इनमें से 90 प्रतिशत का पता चल जाता है। आश्चर्य की बात है कि कोरोना लॉकडाउन में भी यह संख्या 60  से 61 हजार के करीब थी। लापता नाबालिग के मामले देखे तो साल  2021 में 96 फीसदी, 2022 में 91 और 2023 में 71 फीसदी बच्चे वापस आ गए। पुलिस ने साल  2015 में ऑपरेशन मुस्कान चलाया। इस अभियान के तहत बड़े पैमाने पर बच्चों को सार्वजनिक स्थल, रेलवे स्टेशन से पकड़कर उनके घर पहुंचाया गया। देश की संसद तक में ऑपरेशन मुस्कान की तारीफ हुई।
चालू वर्ष  में अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई बढ़ी है। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई में 32 हजार  602 की वृद्धि हुई है। तड़ीपार के 1651, एमपीडीए के 132, चाप्टर केस के 1 लाख 67 हजार और मोका के तहत 92 मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने इस मामले में जीरो टालरेंस की नीति अपनाई है। मादक  पदार्थ के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। सरकार का इरादा  मादक पदार्थों की जड़ में जाकर प्रहार करने का है। अवैध शराब की बिक्री मामले में 25 हजार आरोपियों पर कार्रवाई की गई है।

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