Home मुंबई-अन्य दस-बारह हज़ार वाहन रोज़ गुजरते हैं समृद्धि महामार्ग से

दस-बारह हज़ार वाहन रोज़ गुजरते हैं समृद्धि महामार्ग से

by zadmin

दस – बारह हज़ार वाहन रोज़ गुजरते हैं समृद्धि महामार्ग से

 संजीव शुक्ल  (नागपुर से मुंबई लौटकर ) 

मुंबई:नागपुर से  शिर्डी  तक520 किलोमीटर  समृद्धि कॉरिडोर का लोकार्पण  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिसम्बर 2022  को  किया था। उसके बाद से चालू हुए इस महामार्ग पर रोज़ 10-12  हज़ार वाहन गुजरते हैं।  दिनों- दिन इस महामार्ग पर वाहनों की संख्या बढ़ रही है।  इसमें  60   फीसदी ट्रक जैसे भारी वाहन हैं। महाराष्ट्र राज्य सड़क  विकास निगम ( एमएसआरडीसी ) द्वारा निर्मित  इस महामार्ग का नाम बाल ठाकरे के नाम पर रखा गया है। नागपुर से मुंबई तक 701  किलोमीटर  महामार्ग का निर्माण कार्य पूरा होना  है लेकिन पहले चरण में नागपुर से शिर्डी तक इस महामार्ग  का निर्माण कार्य  पूरा किया गया है।  शिर्डी  से मुंबई तक 181 किलोमीटर महामार्ग का निर्माण  कई चरणों में  पूरा करके वाहनों के लिए खोले जाने की योजना  है। दिसंबर 2023  तक अन्य चरणों का भी कार्य पूरा होने के आसार हैं।  इस 701  किलोमीटर के निर्माण कार्य के पूरे हो जाने पर नागपुर से मुंबई की दूरी  कार से  करीब 8 घंटे में तय की जा सकेगी।अभी सामान्यतः अठारह घंटे  तक लग  जाते हैं।  यह  महामार्ग 150  किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार के हिसाब से डिज़ाइन किया गया है।  लेकिन इस पर कार की स्पीड को 120 किलोमीटर प्रति घंटे से , मध्यम वाहन 100  किलोमीटर प्रति किलोमीटर की रफ़्तार से चलाने की अनुमति है।  बस जैसे वाहनों को 80  किलोमीटर प्रति घंटे से चलाने की अनुमति है। इस पूरे प्रोजेक्ट की कीमत 55335 करोड़ है। मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस ने जब इस योजना के बारे में घोषणा की थी तब इसकी अनुमानित  लागत 30000  करोड़ आंकी गयी थी लेकिन अंततः यह लागत बढ़कर 55335.32  करोड़ पहुँच गयी।   यह प्रोजेक्ट देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री रहने के दौरान घोषित किया गया  था और उनके उपमुख्यमंत्री  रहने के दौरान ही मुंबई से शिर्डी  तक खोला गया।  इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है।   इस प्रोजेक्ट से महाराष्ट्र के दस जिले सीधे तौर पर जबकि 14  जिले अप्रत्यक्ष तौर  पर जुड़ेगें। जिससे इस क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। रोज़गार  बढ़ेगा।  इस  महामार्ग के बारे में विपक्ष के नेता अजित पवार तक ने कहा है कि यह महाराष्ट्र का गौरव है।  महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान का कहना है कि यह प्रोजेक्ट इस लिए  इतनी जल्दी पूरा किया जा सका क्योंकि ज़मीनों का अधिग्रहण होने के बाद ही  प्रोजेक्ट की घोषणा होती है।   (तत्कालीन  मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 31  जुलाई 2015  को  नागपुर -मुंबई समृद्धि  महामार्ग  के बारे में   घोषणा की थी )।  यह महामार्ग कंक्रीट का बनाया गया।  यह आवागमन के लिए छह मार्ग वाला महामार्ग  है।  इस  महामार्ग  पर  वाहनों के गुजरने के  दौरान वाहनों के बीच सुरक्षित अंतर रखने का निर्देश है।  दुर्घटनाग्रस्तों   सहायता के लिए  इंटरचेंज पर 21 जगहों पर तत्परता से मदद के लिए प्रतिसाद वाहनों की उपाय योजना की गयी है।  दुर्घटनाग्रस्त  वाहनों को  महामार्ग से हटाकर साइड में करने के लिए  13 ठिकानों पर  क्रेन  की सुविधा की गयी है। दुर्घटना ग्रस्तों की मदद  लिए कुल 15  एम्बुलेंस हैं ये एम्बुलेंस स्थानीय अस्पतालों से सम्बद्ध रखे गए हैं।  इमर्जेन्सी में मेडिकल सहायता के लिए एम्बुलेंस के लिए 108  नम्बर  पर  संपर्क किया जा सकता है।  सुरक्षा के लिए महामार्ग पुलिस तैनात किया गया है तथा महाराष्ट्र  राज्य सुरक्षा  महामंडल  के कुल 121  सुरक्षा रक्षक महामार्ग सुरक्षा पुलिस की मदद के लिए नियुक्त किये गए हैं।  वाहनों के बिगड़ जाने या दुर्घटनाग्रस्त हो जाने पर 24  घंटे हेल्प लाइन 1800 233  2233   या 8181818155   कार्यरत है और यह हेल्पलाइन  नंबर महामार्ग पर  पर जगह – जगह डिस्प्ले किये गए हैं।  इस महामार्ग पर यात्रा करने से पहले यह हेल्प लाइन मोबाइल नंबर में सेव करने के लिए कहा गया है ताकि ज़रूरत के समय तत्काल संपर्क किया जा सके। नागपुर से शिर्डी के बीच समृद्धि महामार्ग पर प्रत्येक इंटरचेंज  के ठिकाने पर स्वतंत्र नियंत्रण प्रणाली है और वह मुख्य नियंत्रण प्रणाली से सलंग्न है।  औरंगाबाद स्थित सावंगी इंटरचेंज  पर मुख्य नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है।  नियंत्रण कक्ष से 24 घंटे सभी सुविधा यंत्रणा पर बारीकी से  ध्यान  रखा जाता है। नागपुर से   शिरडी  की दिशा में  सात जगह जबकि  शिरडी  से नागपुर की दिशा में  छह  जगह इस तरह कुल 13  जगहों पर ईंधन भरने के लिए  पेट्रोल, डीजल  पंप की सुविधा की गयी है। इसी जगह पर प्रसाधन गृह , खानपान सेवा , टायर पंक्चर बनाने के लिए, टायर में हवा भरने के लिए तथा  वाहनों की छिटपुट   मरम्मत करने के लिए सुविधा उपलब्ध कराई गई है। पथकर नाकों पर भी शौचालय की सुविधा उपलब्ध है। महामार्ग पर अत्यंत  तेज रफ्तार से चलने के कारण वाहनों के टायर  फटने की नौबत  आने की बात उठी है  इसलिए टायरों में  नाइट्रोजन भरने की बात कही जा रही  है। 

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