320
शिवराया की भूमि पर, यात्रा की हुंकार
उसमें शामिल हो रहे,पप्पू और पवार
पप्पू और पवार,कहर हम सब पर ढाए
एक हो रहे आज, सभी अफजल के जाए
कह सुरेश तुम ही देखो मेरे गणराया
भला सोचते होंगे क्या अपने शिवराया
सुरेश मिश्र