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खरी-खरी:अशोक वशिष्ठ

by zadmin
vashishth

खरी-खरी
भारत हारा और फाइनल, हारा पाकिस्तान। 

ट्वेंटी, ट्वेंटी टाइटल, ले गया इंग्लिशतान।।

ले गया इंग्लिशतान, ऐंठ में रह गये सारे।

गेंद और बल्ले ने, कर दिये वारे-न्यारे।।

हार-जीत तो खेलों में, होती रहती है।

शर्मनाक हो हार, जख़्म गहरा देती है।।
अशोक वशिष्ठ 

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