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खरी- खरी

by zadmin

खरी- खरी 

महंगाई की मार से,जनता है लाचार
दूकाने सब बंद हैं, पढ़े-लिखे बेकार
पढ़े-लिखे बेकार,रो रहे हैं व्यापारी
कल के डाकू आज कर रहे मारा मारी
कह सुरेश कविराय नहीं पॉकेट में पाई
पहले कोरोना भागे या ये महंगाई।

सुरेश मिश्र

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