लगी टकटकी देश की,बोझिल हुई सुरंग
बड़े-बड़े इंजीनियर,यहां हुए बेरंग
यहां हुए बेरंग,दंग है ऊपर वाला
ये विकास की चाह, बहुत बेमानी लाला
कह सुरेश यदि आप पहाड़ों को काटेंगे
तो गिरिराज मनुष्यों में जीवन बांटेंगे?
सुरेश मिश्र
लगी टकटकी देश की,बोझिल हुई सुरंग
बड़े-बड़े इंजीनियर,यहां हुए बेरंग
यहां हुए बेरंग,दंग है ऊपर वाला
ये विकास की चाह, बहुत बेमानी लाला
कह सुरेश यदि आप पहाड़ों को काटेंगे
तो गिरिराज मनुष्यों में जीवन बांटेंगे?
सुरेश मिश्र