मविआ सरकार की वसूली और निष्क्रियता की वजह से परियोजनाएं राज्य से बाहर गयी – भंडारी
विशेष संवाददाता
मुंबई@nirbhaypathik:, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष माधव भंडारी ने उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान राज्य से बाहर गयी परियोजनाओं पर महायुति सरकार द्वारा जारी किये श्वेत पत्र पर वह जवाब दें। उन्होंने बुधवार को नरीमन पॉइंट स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए यह सवाल भी उठाया और कहा कि फॉक्सकॉन , एयरबस , सॅफ्रन , बल्क ड्रग पार्क परियोजनों के निवेशकों से कौन सी मांग की गयी, जिसके कारण यह परियोजनाएं महाराष्ट्र राज्य से बाहर दूसरे राज्यों में गयी। इसका जवाब पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाविकास अघाड़ी को देना चाहिए।
भंडारी ने कहा कि दूसरे राज्यों में गयी परियोजनाओं पर राज्य के उद्योग विभाग की तरफ से उद्योग मंत्री उदय सामंत ने श्वेत पत्रिका जारी की है। यह श्वेत पत्र जारी किये हुए पांच दिन बीत जाने के बावजूद उद्धव ठाकरे और महाविकास आघाड़ी ने मुंह नहीं खोला है। इस श्वेत पत्रिका से स्पष्ट होता है कि महाविकास आघाड़ी सरकार के कार्यकाल के दौरान राज्य से बाहर उद्योग क्यों गए। भंडारी ने कहा कि कई महीनों से महाविकास अघाड़ी के नेता राज्य से बाहर गए उद्योग के मुद्दे पर बेबुनियाद आरोप लगा रहे थे। जबकि सच्चाई यह है कि महविकास अघाड़ी सरकार की वसूली और निष्क्रियता की वजह से अत्याधिक रोजगार के अवसर देने वाली परियोजनाएं दूसरे राज्यों में गयी। उन्होंने बताया कि निवेशकों ने महाराष्ट्र से मुंह मोड़ लिया और अपने उद्योग दूसरे राज्यों में क्यों लगाए इसकी पूरी जानकारी महायुति सरकार के उद्योगमंत्री उदय सामंत ने सभागृह में सादर की गयी श्वेत पत्रिका में दी है। नाणार परियोजना में बड़े निवेश की क्षमता वाले सौदी अराम्को इस तेल कंपनी ने अब पकिस्तान के ग्वादर शहर को निवेश के लिए चुना है। नाणार परियोजना का विरोध करने का उद्देश्य क्या था। भाजपा नेता भंडारी ने कहा कि महाराष्ट्र की महायुति सरकार के पारदर्शक एवं गतिमान कामकाज की वजह से इन दिनों महाराष्ट्र में बड़े पैमाने पर निवेश हो रहे हैं। अब निवेशकों से कोई हफ्ता नहीं मांग रहा है। जिसकी वजह से अत्यधिक उद्योग राज्य में आ रहे हैं और महाराष्ट्र राज्य औद्योगिक क्षेत्र में फिर से निवेश के मामले में पहले नंबर पर आ गया है।