महाराष्ट्र मानसून अधिवेशन
विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे को हटाने की राज्यपाल से मांग
नवीन कुमार
मुंबई (निर्भय पथिक)। विपक्षी दलों ने विधान परिषद में उपसभापति नीलम गोर्हे को पद से हटाने की मांग राज्य के राज्यपाल रमेश बैस से की है। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने मीडिया को बताया कि महा विकास आघाड़ी के शिष्टमंडल ने राज्यपाल से मिलकर गोर्हे को हटाने की मांग की है।
गौरतलब है कि अधिवेशन के पहले ही दिन विपक्ष ने गोर्हे के उपसभापति पद को लेकर सवाल उठाते हुए हंगामा किया। विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि गोर्हे को उपसभापति पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। लेकिन उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गोर्हे का बचाव करते हुए कहा कि गोर्हे नियमानुसार उपसभापति पद पर हैं। उन्हें पद से हटाने की मांग गलत है। सदन में हंगामे के बीच गोर्हे ने कहा कि इस पर चर्चा हो सकती है। इसलिए सदन में हंगामा के बजाय पहले सदन की कार्यवाही चलने दिया जाए।
विपक्ष के नेता और उद्धव ठाकरे गुट के विधायक दानवे ने सोमवार को यहां विधान भवन परिसर में मीडिया से कहा कि गोर्हे को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने निलंबित कर दिया है। इसलिए उन्हें परिषद के उपासभापति पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार नहीं है।ठाकरे के भरोसेमंद सहयोगी गोर्हे 7 जुलाई को यह कहते हुए शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हो गईं कि सत्तारूढ़ पार्टी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने महिलाओं के मुद्दों और राज्य और देश के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए असली शिवसेना में शामिल होने का फैसला किया।
दानवे ने कहा कि गोर्हे पहले ठाकरे गुट की शिवसेना में थीं। एकनाथ शिंदे गुट में शामिल होने के बाद हमने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है। इसलिए उन्हें विधान परिषद के उपसभापति पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि ठाकरे गुट ने गोर्हे को अपात्र करने की मांग की है। इस संबंध में ठाकरे गुट ने विधिमंडल के सचिव को पत्र लिखा है। दानवे ने कहा कि हमें गोर्हे पर विश्वास नहीं है। नैतिकता के आधार पर गोर्हे को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। बता दें कि विधान परिषद के सभापति का पद अब तक रिक्त हैै।