तो उत्तर प्रदेश की तरह महाराष्ट्र सरकार भी देगी फिल्म सब्सिडी
विशेष संवाददाता
मुंबई@nirbhaypathik:, फिल्म निर्माताओं की निरंतर मांग पर दादा साहब फाल्के फिल्म सिटी में जल्द ही रेलवे स्टेशन का निर्माण किया जायेगा। इसके लिए टेंडर निकाले जाएँगे। और रेलवे स्टेशन का सेट निर्माण किया जाएगा ताकि फिल्म शूटिंग करने के लिए आउटडोर लोकेशन पर उपलब्ध रहे। वास्तविक रेलवे स्टेशन पर फिल्म शूट करने के लिए अनुमति बहुत मुश्किल से मिलती है। इसलिए निर्माताओं की मांग रही है कि रेलवे स्टेशन के सेट का निर्माण फिल्म सिटी में किया जाये ताकि शूटिंग के लिए सुविधा हो। यह जानकारी फिल्म सिटी के व्यवस्थापकीय निदेशक अविनाश ढाकणे ने दी। वे मंत्रालय आणि विधिमंडळ वार्ताहर संघ के द्वारा इस फिल्म सिटी में आयोजित अध्ययन दौरे में आये पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने पत्रकारों को इस फिल्म सिटी के इतिहास से लेकर वर्तमान सुविधाओं और आगामी समय में उपलब्ध होने वाली सुविधाओं की जानकारी देते हुए कहा कि बिना टेंडर के यहाँ कुछ नहीं होता। रेलवे स्टेशन बनाने के लिए भी जल्द टेंडर निकाला जायेगा और उसके बाद रेलवे स्टेशन का निर्माण यहां किया जायेगा। निर्माता निरंतर इसकी मांग करते रहे हैं। उत्तर प्रदेश में वर्तमान सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर फिल्म सिटी के निर्माण के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा होनी चाहिए इससे जिसको जहाँ कम लागत में अच्छी सुविधा मिलेगी वह वहां जायेगा। उत्तर प्रदेश में फिल्मों के निर्माताओं को सरकार आर्थिक सहयोग देती है। वहां पर भोजपुरी फिल्मों के लिए फिल्म लागत का पचास फीसदी जबकि हिंदी फिल्म के लिए तीस फीसदी सब्सिडी दी जाती है इस सवाल पर ढाकणे ने कहा कि हम ए ग्रेड की मराठी फिल्मों को 40 लाख रुपये देते हैं अगर हमें जरूरत पड़ी तो हिंदी फिल्मों को भी आर्थिक मदद देगें। उन्होंने बताया की हमारे 16 स्टूडियो हैं उसमें कई जर्जर हैं बाकी सब शूटिंग के लिए फुल रहते हैं। दक्षिण भारत के रामोजी राव स्टूडियो और मुंबई के इस फिल्म सिटी की तुलना करने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि रामो जी राव स्टूडियो पर्यटन की दृष्टि से बनाया गया है लेकिन मुंबई की इस फिल्म सिटी की पहली प्राथमिकता शूटिंग है। यहाँ पर पर्यटन दूसरी प्राथमिकता है। अध्ययन दौरे पर गए ये पत्रकार कई धारावाहिक सेटों पर भी गए। बॉलीवुड पार्क में भी लाइव कार्यक्रमों का आनंद लिया। क्रोमा में गए। वहां पर किरदारों को उनके संवाद सहित शूट करने के बाद मनमाफिक जगह के अंदर शूट किये गए उस किरदार को तकनीक द्वारा बंद कर दिया जाता है। घोड़े के दौड़ने की आवाज़ आदि की मिक्सिंग , गाने की मिक्सिंग भी देखी और सुनी।