हमारे पद्म पुराण में 84 लाख योनियों का वर्णन है. ब्रह्मा के बाद हर अक्षरों से यहां पर देवताओं का प्रकट हुआ. बहरहाल पुराणों में कहा गया 84 लाख योनियों को तीन भागों में बांटा गया, जिसमें जलचर, थलचर और नवचर है. हमारे शास्त्र में वर्णन यह भी है कि किस-किस रूप में कितने प्राणी है और उनका कार्य भी है, सब एक दूसरे जुड़े संबंध स्थापित करता है. पद्म पुराण के अनुसार बताया गया है कि पानी के जीव जंतु 9 लाख, पेड़ पौधे 20 लाख, कीड़े मकोड़े 11 लाख, पंखी 10 लाख, पशु 30 लाख, देव दैत्य, मानव मनुष्य को 4 लाख में विभक्त किया गया है और सबका एक औसत उम्र होती है जिसमें वो इस लोक में आते और जाते हैं. साथ ही इन सभी योनियों में मनुष्यों को सबसे ऊपर बताया गया है, क्योंकि इसके बाद सबसे अधिक बुद्धि और कर्म करने की क्षमता होती है.