हनुमत भजन,मनोधैर्य और चिकित्सा से दूर होगा कोरोना का संकट-शंकराचार्य विजयेंद्र सरस्वती आज विश्व में महामारी की वजह से एक अति संकट की स्थति है. भारत में एक साल पहले भी ये कष्ट आया था. उस समय समाज की मेहनत से, सहयोग से, सबकी सहानुभूति से, इस संकट का विमोचन हुआ था. अभी इस संदर्भ में दोबारा कुछ संकट शुरू हुआ है, अति वेग से शुरू हुआ है, उस संकट से विमोचन होना चाहिए. इस संकट के विमोचन के संदर्भ में जो संकट मोचन हनुमान जी हैं, उनका जो वाक्य है उसे हमको स्मरण करना बहुत उपयोगी होगा. वाल्मीकि रामायण में हनुमान जी कहते हैं, दुःख होता है, संकट होता है, फिर भी अपना जो मनोधैर्य है, मन में जो हिम्मत है वो छोड़ना नहीं, प्रयत्न करते रहना है.”यह विचार गुरुवार को …
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रहन सहन
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