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आए बोरिस जानसन,देख रह गए दंग
बदल चुका है देश ये,बदले सारे ढंग
बदले सारे ढंग, कहां वह भूखा-नंगा
कहां आज लगता है बिल्कुल रंग-बिरंगा
कह सुरेश सहमे-सहमे हैं भाग्य विधाता
फिर से चहक रही हैं देखो भारत माता
सुरेश मिश्र