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गाड़ी पलटेगी नहीं, सुनो लगाकर ध्यान।
पहलवान जितने लगें, दांव अलग श्रीमान
दांव अलग श्रीमान, सुनो रे सेकुलर, ढोंगी
अलग काम के अलग मंत्र जाने हैं योगी
कह सुरेश कविराय संत है खरा पहाड़ी
हुआ पुराना दांव, नहीं पलटेगी गाड़ी।
सुरेश मिश्र