202
खरी-खरी
हे प्रभु अब कृपा करो , बीत गया एक साल।
और भयावह हो रहा , कोरोना का हाल ।।
कोरोना का हाल , बिगड़ता ही जाता है ।
कैसे होगा ख़त्म , समझ कुछ नहीं आता है।।
लोगों को भी चाहिए , रखें हमेशा ध्यान ।
जान सलामत यदि रहे , तब ही मिले जहान।।
अशोक वशिष्ठ