भारत में डेटा चोरी की घटनाएं बढ़ीं ,धड़ल्ले से बिक रहा है पर्सनल डेटा
नई दिल्ली,(निर्भय पथिक):भारत साइबर अपराधियों के लिए नया अड्डा बन रहा है। देश में तेजी से हो रही डिजिटल क्रांति की वजह से एक तरफ जहां रोजमर्रा के काम आसान हो गये हैं, वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन ठगी के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। हाल ही में आई एक टेक रिसर्च फर्म Trend Micro की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पिछले साल ऑनलाइन धोखाधड़ी और साइबर फ्रॉड के 7 लाख से ज्यादा मामले सामने आए हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले सेक्टर्स में बैंकिंग, गवर्नमेंट, मैन्युफैक्चरिंग, टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर, फाइनेंस सेक्टर शामिल हैं। इसके अलावा टेलीमार्केटर्स लोगों के निजी डेटा को भी ऑनलाइन बेच रहे हैं। हैदराबाद की साइबराबाद पुलिस ने देश के सबसे बड़े डेटा लीक का पता लगाया है। पुलिस ने विनय भारद्वाज नाम के शख्स के पास 69.9 करोड़ यूजर्स का निजी डेटा बरामद किया है, जिनमें यूजर्स के फोन नंबर, आधार नंबर, पैन कार्ड नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस नंबर, डी-मैट बैंक अकाउंट नंबर आदि शामिल हैं। साइबर ठग के पास पेटीएम, फोनपे, अमेजन, बायजूस, जीएसटी, आरटीओ समेत कुल 11 संस्थानों के यूजर्स का डेटा मिला है।
साइबराबाद पुलिस ने डेटा बरामद होने पर 11 संस्थानों को नोटिस जारी किया है और कहा है कि एक सप्ताह के अंदर बताएं कि वह यूजर्स का डेटा किस तरह स्टोर करते हैं। साइबर अपराधी के पास बरामद हुए डेटा में 9वीं से 12वीं के छात्रों के साथ-साथ NEET की तैयारी करने वाले यूजर्स की निजी जानकारियां भी शामिल हैं। विनय भारद्वाज फरीदाबाद स्थित InspireWebz नाम की वेबसाइट के जरिए डेटा बेच रहा था।