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खरी-खरी
ऊपर वाले है तेरी, माया अपरंपार।
तुर्की में भूकंप ने, लीले कई हजार।।
लीले कई हजार, देख नहीं सके सवेरा।
जो था जिस हालात, मौत ने उसको घेरा।।
कर्मों का फल, भोग रहे हैं दुनिया वाले।
सब पर अपनी, कृपा रखो हे ऊपर वाले।।
अशोक वशिष्ठ