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ओबीसी आरक्षण पर घमासान, सरकार दायर करे पुनर्विचार याचिका

by zadmin

ओबीसी आरक्षण पर घमासान, सरकार दायर करे पुनर्विचार याचिका, 

  • ओबीसी एकीकरण समिति

ठाणे :संवाददाता : सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा कराने का आदेश दिया गया है. एक तरफ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए कानून को माना जा रहा है तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून को खारिज किया जा रहा है. इसलिए महाराष्ट्र में ओबीसी के साथ अन्याय हो रहा है. इसीलिए राज्य सरकार से इस संबंध में पुनर्विचार याचिका दायर करने की मांग ओबीसी एकीकरण समिति ने की है.

 समिति के पदाधिकारी प्रफुल्ल वाघोले, सचिन शिंदे, सुरेश खेड़े-पाटिल, मंगेश आवाले, कृष्णा भुजबल, मिलिंद साठे, राजेश लोखंडे और सुनील नलावडे, राहुल पिंगले ने ठाणे आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राज्य में लंबित स्थानीय निकाय चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा 2 सप्ताह के भीतर करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. करीब 14 महानगर पालिकाओं और 25 जिला परिषदों समेत कई स्थानीय निकायों के चुनाव फिलहाल लंबित हैं. 2020 के पुराने वार्ड ढांचे के मुताबिक इन चुनावों के आदेश कोर्ट ने दिए हैं. ओबीसी एकीकरण समिति ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया है. समिति का कहना है कि उन्होंने अदालत के फैसले का विरोध नहीं किया, लेकिन पूरे राज्य में ओबीसी की करीब 354 जातियां हैं. इन जातियों को राजनीतिक सत्ता का अपेक्षित हिस्सा नहीं मिला है. इसलिए ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव कराना संसद द्वारा अपनाए गए मंडल आयोग का उल्लंघन करने के समान होगा. जबकि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पारित कानून को स्वीकार किया जा रहा है, महाराष्ट्र सरकार के लिए कानून को न स्वीकार करना न्यायसंगत नहीं है. इसलिए राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर किया जाना चाहिए और महाधिवक्ता को इसकी जानकारी दिया जाना चाहिए. 

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